विषयसूची:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf

शीर्षक भारत में अंगरेज़ी राज
लेखक सुंदरलाल
अनुवादक
संपादक
वर्ष १९३८
प्रकाशक ओंकार प्रेस
पता इलाहाबाद
स्रोत pdf
प्रगति अशोधित
खंड
पृष्ठ
- मुखपृष्ठ प्रकाशक विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची विषय-सूची - चित्र-सूची चित्र-सूची चित्र-सूची - १११९ ११२० ११२१ ११२२ ११२३ ११२४ ११२५ ११२६ ११२७ ११२८ ११२९ ११३० ११३१ ११३२ ११३३ ११३४ ११३५ ११३६ ११३७ ११३८ ११३९ ११४० ११४१ ११४२ ११४३ ११४४ ११४५ ११४६ ११४७ ११४८ ११४९ ११५० ११५१ ११५२ ११५३ ११५४ ११५५ ११५६ ११५७ ११५८ ११५९ ११६० ११६१ ११६२ चित्र - ११६३ ११६४ ११६५ ११६६ ११६७ ११६८ ११६९ ११७० ११७१ ११७२ ११७३ ११७४ चित्र - ११७५ ११७६ चित्र - ११७७ ११७८ ११७९ ११८० चित्र - ११८१ ११८२ चित्र - ११८३ ११८४ ११८५ ११८६ ११८७ ११८८ ११८९ ११९० ११९१ ११९२ ११९३ ११९४ - चित्र ११९५ ११९६ ११९७ ११९८ ११९९ १२०० १२०१ १२०२ १२०३ १२०४ १२०५ १२०६ १२०७ १२०८ १२०९ १२१० १२११ १२१२ १२१३ १२१४ चित्र - १२१५ १२१६ १२१७ १२१८ १२१९ १२२० १२२१ १२२२ १२२३ १२२४ १२२५ १२२६ १२२७ १२२८ १२२९ १२३० चित्र - १२३१ १२३२ १२३३ १२३४ १२३५ १२३६ १२३७ १२३८ १२३९ १२४० १२४१ १२४२ १२४३ १२४४ १२४५ १२४६ १२४७ १२४८ १२४९ १२५० १२५१ १२५२ १२५३ १२५४ १२५५ १२५६ १२५७ १२५८ १२५९ १२६० १२६१ १२६२ १२६३ १२६४ १२६५ १२६६ १२६७ १२६८ १२६९ १२७० १२७१ १२७२ १२७३ १२७६ १२७७ १२७८ - चित्र १२७९ १२८० १२८१ १२८२ - चित्र १२८३ १२८४ १२८५ १२८६ १२८७ १२८८ १२८९ १२९० १२९१ १२९२ १२९३ १२९४ १२९५ १२९६ १२९७ १२९८ - चित्र १२९९ १३०० १३०१ १३०२ १३०३ १३०४ १३०५ १३०६ १३०७ १३०८ १३०९ १३१० १३११ १३१२ १३१३ १३१४ १३१५ १३१६ १३१७ १३१८ १३१९ १३२० १३२१ १३२२ १३२३ १३२४ १३२५ १३२६ १३२७ १३२८ १३२९ १३३० १३३१ १३३२ १३३३ १३३४ १३३५ १३३६ १३३७ १३३८ १३३९ १३४० १३४१ १३४२ १३४३ १३४४ १३४५ १३४६ १३४७ १३४८ १३४९ १३५० १३५१ १३५२ १३५३ १३५४ १३५५ १३५६ १३५७ १३५८ १३५९ १३६० १३६१ १३६२ १३६३ १३६४ १३६५ १३६६ १३६७ १३६८ १३६९ १३७० १३७१ १३७२ १३७३ १३७४ १३७५ १३७६ १३७७ १३७८ १३७९ १३८० १३८१ १३८२ १३८३ १३८४ १३८५ १३८६ १३८७ १३८८ १३८९ १३९० १३९१ १३९२ १३९३ १३९४ १३९५ १३९६ १३९७ १३९८ १३९९ १४०० १४०१ १४०२ १४०३ १४०४ १४०५ १४०६ १४०७ १४०८ चित्र - १४०९ १४१० १४११ १४१२ १४१३ १४१४ १४१५ १४१६ १४१७ १४१८ १४१९ १४२० १४२१ १४२२ १४२३ १४२४ १४२५ १४२६ १४२७ १४२८ १४२९ १४३० १४३१ १४३२ १४३३ १४३४ - चित्र १४३५ १४३६ चित्र - १४३७ १४३८ १४३९ १४४० १४४१ १४४३ १४४४ १४४५ १४४६ १४४७ १४४८ १४४९ १४५० चित्र - १४५१ १४५२ १४५३ १४५४ १४५५ १४५७ १४५८ १४५९ १४६० १४६१ १४६२ १४६३ १४६४ १४६५ १४६६ - चित्र १४६७ १४६८ १४६९ १४७० १४७१ १४७२ १४७३ १४७४ १४७५ १४७६ चित्र - १४७७ १४७८ १४७९ १४८० १४८१ १४८२ १४८३ १४८४ १४८५ १४८६ - चित्र १४८७ १४८८ १४८९ १४९० १४९१ १४९२ १४९३ १४९४ १४९५ १४९६ १४९७ १४९८ - चित्र १४९९ १५०० १५०१ १५०२ १५०३ १५०४ १५०५ १५०६ १५०७ १५०८ १५०९ १५१० - चित्र १५११ १५१२ चित्र - १५१३ १५१४ चित्र - १५१५ १५१६ चित्र - १५१७ १५१८ १५१९ १५२० १५२१ १५२२ १५३१ १५३२ चित्र - १५२३ १५२४ १५२५ १५२६ १५२७ १५२८ १५२९ १५३० चित्र - १५३३ १५३४ चित्र - १५३५ १५३६ १५३७ १५३८ चित्र - १५३९ १५४० १५४१ १५४२ - - १५४३ १५४४ १५४५ १५४६ १५४७ १५४८ १५४९ १५५० १५५१ १५५२ १५५३ १५५४ १५५५ १५५६ १५५७ १५५८ १५५९ १५६० १५६१ १५६२ १५६३ १५६४ १५६५ १५६६ १५६७ १५६८ १५६९ १५७० १५७१ १५७२ १५७३ १५७४ १५७५ १५७६ चित्र - १५७७ १५७८ १५७९ १५८० १५८१ १५८२ १५८३ १५८४ १५८५ १५८६ चित्र - १५८७ १५८८ १५८९ १५९० १५९१ १५९२ १५९३ १५९४ १५९५ १५९६ १५९७ १५९८ १५९९ १६०० १६०१ १६०२ १६०३ १६०४ - चित्र १६०५ १६०६ १६०७ १६०८ १६०९ १६१० १६११ १६१२ १६१३ १६१४ १६१५ १६१६ - चित्र १६१७ १६१८ - - १६१९ १६२० १६२१ १६२२ १६२३ १६२४ १६२५ १६२६ १६२७ १६२८ १६२९ १६३० १६३१ १६३२ १६३३ १६३४ १६३५ १६३६ १६३७ १६३८ १६३९ १६४० १६४१ १६४२ १६४३ १६४४ १६४५ १६४६ १६४७ १६४८ चित्र - १६४९ १६५० १६५१ १६५२ १६५३ १६५४ १६५५ १६५६ १६५७ १६५८ १६५९ १६६० १६६१ १६६२ १६६३ १६६४ १६६५ १६६६ १६६७ १६६८ १६६९ १६७० १६७१ १६७२ १६७३ १६७४ १६७५ १६७६ १६७७ १६७८ १६७९ १६८० १६८१ १६८२ १६८३ १६८४ १६८५ १६८६ १६८७ १६८८ १६८९ १६९० १६९१ १६९२ १६९३ १६९४ १६९५ १६९६ १६९७ १६९८ १६९९ १७०० १७०१ १७०२ १७०३ १७०४ १७०५ १७०६ १७०७ १७०८ १७०९ १७१० १७११ १७१२ १७१३ १७१४ १७१५ १७१६ १७१७ १७१८ १७१९ १७२० १७२१ १७२२ १७२३ १७२४ १७२५ १७२६ १७२७ १७२८ १७२९ १७३० १७३१ १७३२ १७३३ १७३४ १७३५ १७३६ १७३७ १७३८ १७३९ १७४० १७४१ १७४२ १७४३ १७४४ १७४५ १७४६ १७४७ १७४८ १७४९ १७५० १७५१ १७५२ १७५३ १७५४ १७५५ १७५६ १७५७ १७५८ १७५९ १७६० १७६१ १७६२ १७६३ १७६४ १७६५ १७६६ १७६७ १७६८ १७६९ १७७० १७७१ १७७२ १७७३ १७७४ १७७५ १७७६ १७७७ १७७८ -
विषय सूची
छत्तीसवाँ अध्याय
भारतीय शिक्षा का सर्वनाश
अंगरेज़ों से पहले भारत में शिक्षा की अवस्था-प्राचीन भारत में शिक्षा का प्रचार-भारतीय शिक्षा प्रणाली—प्राचीन पाठशालाओं में ख़र्च की व्यवस्था—भारतीय शिक्षा के सर्वनाश के कारणसन् १८१३ की मंज़ूरी-अंगरेजी राज के लिये शिक्षा की आवश्यकता—शिक्षित भारतवासियों से डर-कुछ विपरीत विचार-पूर्वी और पश्चिमी शिक्षा पर बहस-वेण्टिङ्क का फ़ैसला—देशी भाषाओं का दबाना -लार्ड मैकाले की रिपोर्ट-वर्तमान अंगरेज़ी शिक्षा का उद्देश—सौ वर्ष का अनुभव-सरकारी विश्व विद्यालय-शिक्षित भारतवासियों का चरित्र ।

पृष्ठ १११९-११५८

सैंतीसवाँ अध्याय
पहला अफ़ग़ान युद्ध

लार्ड आकलैण्ड—सिन्धु नदी की सरवे का परिणाम-बर्न्स की मध्य एशिया की यात्रा-दोस्त मोहम्मद की माँग-अफ़ग़ानिस्तान के साथ युद्ध


की तय्यारी-पार्लिमेण्ट के काग़ज़ों में जालसाज़ी—अपहरण नीति-अफ़ग़ानिस्तान पर चढ़ाई-सिन्ध के अमीरों के साथ नई सन्धि-सिन्धी प्रजा पर लूट और अत्याचार-काबुल पर क़ब्जा़-अफ़ग़ानिस्तान की परिस्थिति-गुप्त हत्याओं का प्रबन्ध--अंगरेज़ों की घृणित पाशविक वृत्तियाँ—अफ़ग़ान चरित्र-शाहशुजा का वध-बर्न्स की हत्या-मैकनाटन की हत्या-सोलह हजार की सेना का अवशेष-लार्ड एलेनब्रु–एलेनब्रु के विचार-झूठे एलान-मुसलमानों का शत्रु-सोमनाथ का फाटक और युद्ध का अन्त-अफ़ग़ान युद्ध का ख़ामियाज़ा-दोबारा चढ़ाई-युद्ध का अन्त|

पृष्ठ ११५९-११८९

अड़तीसवाँ अध्याय
सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़

सिन्ध की राजनैतिक स्थिति-कम्पनी की कोठी और ठट्ठे का पतन-कम्पनी को व्यापारिक सुविधाएं-सिन्ध में कम्पनी का एलची-सन् १८०९ की सन्धि-सन् १८२० की सन्धि—बर्न्स की सिन्धु यात्रा-अमीरों से ख़िराज़ की माँग-मीर रुस्तम ख़ाँ-रुस्तम ख़ाँ के साथ नई सन्धि-मीर अली मुराद-सिन्ध पर क़ब्ज़ा करने के मुख्य कारण-साज़िश पक्की करना-रुस्तमख़ाँ पर झूठे इलज़ाम-हैदराबाद के अमीर —मियानी का संग्राम-बलूचियों की वीरता—अंगरेज़ों की विजय का रहस्य-जनान ख़ानों पर हमला-सिन्ध पर अंगरेज़ों का क़ब्जा़-अमीरों का शोक जनक

अन्त —अमीरों का चरित्र—अमीरों का शासन प्रबन्ध-खेती और आयपाशी-धार्मिक सद्भावना-सिन्ध विजय पर जनरल नेपियर के उद्गार।

पृष्ठ ११९०-१२३७

उन्तालीसवाँ अध्याय
अन्य भारतीय नरेशों के साथ एलेनब्रु का व्यवहार

सींधिया-ग्वालियर दरबार का सुशासन-अनुचित हस्तक्षेप-दादा

ख़ासजीवाला-अंगरेज़ दूत मामा साहब-रेज़ीडेण्ट स्लीमैन-ख़ासजीवाला पर झूठा इलज़ाम और उसकी गिरफ़्तारी-एलेनब्रु का वास्तविक इरादा-ग्वालियर पर हमला-नई सन्धि-कैथल पर क़ब्ज़ा-रणजीत सिंह की मृत्यु और पंजाब में अराजकता-एलेनब्रु की योजनाएं-असफल प्रयत्न-निज़ाम पर दाँत—जेतपुर की रियासत-अवध से क़र्ज़-दिल्ली सम्राट की नज़रें बन्द-एलेनब्रु की वापसी।

पृष्ठ १२३८-१२५७

चालीसवाँ अध्याय
पहला सिख युद्ध

सिख युद्ध की तय्यारी-तीन देशद्रोही-बहाने की तलाश-राई का पहाढ़-सन्धि का लगातार उल्लंघन-अहसान फ़रामोशी-सिख सेना को भड़काने के प्रयत्न-युद्ध का एलान-मुदकी का संग्राम-फ़ीरोज़ शहर का संग्राम-अलीवाल की लड़ाई-शुबरांव की लड़ाई-सिख सैनिकों की असीम वीरता—शामसिंह अटारी वाला लाहौर दरबार के साथ

सन्धि-हार्डिज को इनाम हार्टीि के शासन काल की अन्य घटने हार्डि की धर्मनिष्ठा । पृष्ठ १२२८-९ इकतालीसवाँ अध्याय दूसरा सिख युद्ध लार्ड डलहौजी की निश्चित नीति--पंजाब में आसन्तोप मुलता घटना—दीवान मूलराज-यूलराज के शासन में हस्तक्षेप सूलरा बस्तगी फ्रीतदास काहनसिंह मुलतान का संग्राम-महारानी । द्र की गिरफ़्तारी मुसलमानों को भड़काने के प्रयत्र-—मूलराज के संग्राम मुलतान का मोहासरा दूसरे सिख युद्ध का प्रारम्भ की वीरता—चिलियानबाला का संग्राम-गुजरात के संग्राम ' की स्वाधीनता का आन्त राष्ट्रीयता का अभावु- मेजर ईखन्सबेर विचार । पृष्ठ १२१-१ बयालीसवाँ अध्याय दूसरा बरमा युद्ध कप्तान शेपर्ड का मुक़दमा-कप्तान सुई का मुक़दमा-डलहौजी का हस्तक्षेप युद्ध के लिये अंगरेज़ी जहाजों की रवानगी—घरमा दरबार फ शान्ति प्रियता चरमी जहाज़ की गिरफ़्तारी गोलाबारी-नई माँगे बरमा महाराजा का नम्न पत्र विध्वंस और फ़रले नाम-पग पर कम्पनी का क़ब्ज़ा । पृष्ठ १३०९-१३२२ पैंतालीसवाँ अध्याय डलहोज़ी की ःपिपासा लैप्स की नीति—सतारा के राजा से वादा--—सतारा का अपहरण- नागपुर का अपहरण--झाँसी का अपहरण-—सम्बलपुर का अपहरण वेतपुर का तक्षर का अपहरण का अपहरण---। अपहरण—करनाटक मुसलिम रियासतेंद्थरार का अपहरण-अवध का अपहरण--वाजिद अली गह पर झूठे कलंक-वाजिद अली का चरित्र-—तालुझेदारों के साथ ड्स इनाम कमीशन । टट १३२३-१३१ चालीसवाँ अध्याय सन् १८५७ की क्रान्ति से पहले लाई निः-लासी से बेलोर के ग़दर तक---राजघरानों के प्रति लहौज़ी का बरताव -साधारण प्रजा के साथ अंगरेज़ों का बरताय- हारनपुर का अंगरेपी अस्पताल--अंगरेज़ों के अनुचित व्यवहार को कुछ मेसालें दिल्ली सम्राट और अंगरेज़शाह आलम औौर माधोजी सोंधिया सम्राट अकबर शाह-राजा राममोहनराय-सम्राट बहादुर शाह और मंगरेअवध के साथ प्रत्याचार -डलहौजी की अपहरण नीति-नाना ाहब के साथ अन्याय ईसाई मत प्रचार की आकांक्षा-धार्मिक भावों र आघात—पंजाब को ईसाई बनाने की कोशिश —फ़ौज में ईसाई सत चार--भारतीय धर्मों की श्रेष्ठता सैनिकों के प्रति सामान्य व्यवहार- ( ६ ) शान्ति की योजना का सूत्रपात-आज़ी मुल्ला और रंगो बापूजी- गैरि बाडी औौर भारतीय क्रान्ति-बिटूर में क्रान्ति केन्द गुप्त संगठन और तैयारी—अवध और क्रान्ति-क्रांन्ति में धन की सहायताक्रान्ति के शून्य केन्द-नाश्चर्य जनक गुप्त संगठन मौलवी अहमदशाह--क्रान्ति के चिन्ह कमल और चपाती रविवार ३१ मईसन् १८५७-पलटनों के बीच पत्र व्यवहार । पृष्ठ १३२१३हे । पैंतालीसवाँ अध्याय चरबी के कारतूस और क्रान्ति का प्रारम्भ दमदम की पा-बी के कारण सिपाहियों के साथ जबरदस्ती —बैरकपुर से क्रान्ति का श्री गणेश मंगल पाँडे-मेरठ की घटना मेरठ में क्रान्ति का पहला दिन-क्रान्तिकारियों का दिल्ली में प्रवेश दिल्ली की स्वाधीनता—अलीगढ़ की स्वाधीनता-मैनपुरी की स्वाधीनता-इटाचे की स्वाधीनता नसीराबाद में क्रान्ति-—बरेली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद और बदायूँ की स्वाधीनता-प्लान बहादुरख़ाँ का एलान लाज़मगढ़ और गोरखपुर फी स्वाधीनता -जनरल नील—यनारस में क्रान्तिकारियों .फी असफलता-जौनपुर की स्वाधीनता-इलाहाबाद शहर पर क्रान्तिकारियों का क़ब्ज़ा -मौलवी लियाक़त अली । पृष्ठ १३३९-१४२७)। छयालीसवाँ अध्याय। प्रतिकार का प्रारम्भ जनरल नील की दमन योजना-कई तरह की फाँसी नर संहार और

( ७ ) । अग्निकाण्ड-इलाहाबाद निवासियों से बला—छोटे छोटे बालकों को फाँसी-किश्तियों पर गोलाबारी—फाँसी के तरी—अंगरेजों के साथ असहयोग कानपुर और नाना साह-—कानपुर की स्वाधीनसा-नाना का शासन प्रय—सतीचौरा घाट का हत्या काण्डपेशवा नाना साहब का दरबार-फाँसी और रानी लक्ष्मीबाई--लक्ष्मीबाई का चरित्र काँसी की स्वाधीनता अवध में क्रान्ति की तैयारी-लारेन्स की क़िलेबन्दी—नैपाल से मदद की प्रार्थना—क्रान्ति का प्रारम्भ--सीतापुर की स्वाधीनता रैनाबाद की स्वाधीनता-—अवध की स्वाधीनता मौलवी अहमदशाह की गिरप्तारी-वैज़ाबाद की स्वाधीनता सुलतान पुर की स्वाधीनता लखनऊ की स्थिति बेगम हजरत महल का शासन । पृष्ठ १४२८-१४ ६ सैंतालीसवाँ अध्याय दिल्ली पजाब और बीच की घटनाएँ दिल्ली का महत्व यदि पक्षाब क्रान्ति का साथ देत-सिखों को भट्टकानासिल राजाओं का विश्वासघातःकम्पनी ही के राज में पक्षाबी साहूकारों का हित सरहद में कम्पनी के धनीत मुला—फीरोज़पुर में क्रान्तिः पेशावर की देशी पलटनें-फाँसी औौर तोप के मुँह से उड़ाया जाना होती सरदान की सेना का नाश-—बीभरस इश्य —दस नम्बर पल्टन की सिन्धु जल में समाधि-दूर यातनाएँ-जालन्धर, फ़िलौर और लुधियाना में क्रान्ति-सिख राजाओं का देशद्रोह-अंगरेजी सेना के अनसुने अत्याचार बुन्देले की सराय का भीपण संग्राम दिल्ली के भीतर 'अदम्य उत्साह: -गोहत्या पर कड़ा दण्डे-—सम्राट बहादुरशाह के एलान__

प्लासी की शताब्दी__ अंगरेजो की सहायता के लिये नई सेना—सेनापत्ति 'बख्त खा__उसका शासन प्रबन्ध__अंगरेजी सेना की पराजय-अंगरेगजी सेना में नैराशय भांरतीय नरेशों की अनिश्चितता-इन्दौर और मध्यभारत की स्थिति‘नागरे की स्वाधीनता—इलाहाबाद अंगरेनी सेना का केन्द अंगरेजी सेना की कानपुर यात्रा-फतहपुर की अग्नि समाधि-थीबी राह का हस्या काण्डा-माना की ज़िम्मेदारी- कानपुर में ग्रैंगरेजी सेना के श्रत्याचार-पक्षाब का ब्लैकहोल-अजनाले की घटना-रावी तट का हत्या - फास्ट-अखागाले की काल कोठरी-अजनाले का कुंआ-चाया जगतपक्ष का बयान-दिल्ली में अंगरेजी सेना क्रान्ति कारियों में अनुशासन की कमी देशी नरेशों के नाम बहादुरशाह का पत्र--परंपनी को नई मदद नीमच की क्रान्तिकारी सेना--१४ सितम्बर कंा संग्राम-—दिल्ली के अन्दर कम्पनी की सेना का प्रवेश---मरगली—जामे मसजिद की लढ़ाई सम्राट बहादुरशाह की गिरफ़्तारी-शहज़ादों की हत्या दिल्ली के बाशिन्दों का क़ले यामवीरान और सुनसान दिल्ली—प्राइज़ एजेन्सी-मन्दिरों और मसजिदों की बेइज्जती-दिल्ली नए सिरे से नाबाद-दिल्ली के राजकुल का ग्रन्स—सम्राट का निर्वास औौर थम्स । टष्ट ४६७-५५४३ अड़तालीसवां अध्याय . . अवध और बिहार बेगम हजरत महल रेजिडेन्सी के अंगरेज़—हैवलाक की लखनऊ हैं यात्रा-नांना के मनसू-अवधे निवासियों के हौसले—हैवलाक की ( है ! -- घबराहट-नई अंगरेज़ी सेना-आलम वाड्रा का संग्राम—हैवलाक रेज़िडेन्सी में कैद हेड की कानपुर यात्रा-छालम बाग के लिये नई अंगरेगी सेना--सिकन्दर बा का संग्राम-नौ दिन का लगातार संग्राम संग्रामलखनऊ। रक्त का समुद्र तात्या टोपेकानपुर पर तात्या का तज़ाम-कानपुर पर अंगरेज़ी सेना का फिर से कब्जा—यवध औौर रुहेलखण्ड में दमन-इटावे ' के २५ शहीद-फ़रैनाबाद का पतन-लखनऊ विजय के लिये विशाल अंगरेनी सैम्पटल देश द्रोही नेपाली सेना— लखनऊ शहर की परिस्थिति मौलवी अहमदशाह क्रान्तिकारियों में यमुशासन की कमी-शहर की मोरचे बन्दी-तीसरी बार लखनऊ में रक्त की नदियाँ-शहादत गंज का संग्राम क़रले ग्राम-लखनऊ की बेगमें —बिहार में क्राति का प्रायोजन -राजा बुंवरसिंह-आरा का मोहासरा-आमबाग का संग्राम बीवी गंज का संग्राम किर्लमैन की पराजय--डेम्स की पराजब–लार्ड सा की । पराजय - वरसिंह का युद्ध कौशल-लगर्ल्ड की पराजय-डगलस की पराजयकुंवरसिंह गोली से घाय—कुंवरसिंह का जगदीशपुर में प्रवेश लीलूण्ड की पराजय कुंवरसिंह की यु-कुंवरसिंह का चरिन राजा अमरसिंह-जगदीशपुर पर सात चोर से हमला -नौनदी का संग्राम अमर सिंह का अन्त जगदीश पुर की बीर खियाँ-अवध की स्थिति बारी की लड़ाई —जनरल होप की स्ट्—शाहजहाँपुर का संग्राम अहमदशाह के साथ दग़ा-अहमद शाह का चरित्र 1 पृष्ट १४४-१३६३ . ( १० ) उनचासवाँ अध्याय लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे , लमीयाई का सेनापतिब-काँसी में आाठ दिन का लगातार संग्राम-लघमीबाई के प्रयत्ल-रानी का फाँसी स्याग—याँदा का नवाय । करपी का राव---क्रान्तिकारियों में 'व्यवस्था--काली का संग्राम ‘लेयर पर क्रान्तिकारियों का क़ब्ज़ा-ताया और लक्ष्मीबाई की योग्यता- लक्ष्मीयाई फी व्यूह रचना ग्वालियर का संग्राम-लपमीबाई की वीरता—लमीयाई का बलिदान--लक्ष्मीबाई का चरित्र-दक्षिण में क्रान्ति-कोरापुर—बेलगाम- सतारा-बम्बई--नागपुर--जबलपुर- हैदराबाद-शोरापुर का चालक राजाभास्कर राव बाबासाहब आंबध में नए सिरे से क्रान्ति की लाग-राजा चेनीमाधव कंपनी के शासन का। अन्त-मलका विक्टोरिया का एलान—बेगम हजरत महल का एलान निर्वासित क्रान्तिकारी आयध का पतन—तात्या टोपे के श्रन्तिम प्रयत-- कोटरा का संग्राम--ताया का नर्मदा पार करना तात्या नागपुर में सास्या का अलौकिक ऊंच-नवाब याँदा का प्रारम समर्पण—मेजर राक की पराजय सास्या देवास में मानसिंह का विश्वासघात-का तात्या । बलिदान-राब साहब औौर फीरोज़शाह का अन्त । ष्ट १६००-१६४है पचासव अध्याय द सन् ५७ के स्वाधीनता संग्राम पर एक दृष्टि क्रान्ति की आसफलता के मुख्य कारण-—समय से पूर्व क्रान्ति का ( ११ ) प्रारम्भ सिखों और गोरखों का अंगरेजों से मिल जाना—योग्य और प्रभावशाली नेताओं का प्रभाव देशी नरेशों की उदासीनता-इक्खिन में उदासीनता दोनों ओोर के प्रत्याचारों की तुलना--क्रान्तिकारियों पर ने मिथ्या इलज़ाम क्रान्ति के नेताओं की उदारता-यदि क्रान्ति सफल हो गई होती उस समय की राष्ट्रीय त्रुटियाँ—यदि क्रान्ति न हुई होती सन् ५७ की क्रान्ति का अन्य देशों पर असर हमारे भावी यादों । पृष्ठ १ ६५०-१ ६६६ इक्यावनवाँ अध्याय सन् १८५७ के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का अन्त मलका विक्टोरिया का एलान—देशी रियासतों को कायम रखना भारत म अंगरेजी । उपनिवेश--राष्ट्रीय भावों का नाश् --हिन्दोस्तान की उपजाऊ शक्ति को उन्नति देना भारतीय सेना का संगठनभेदनीति-—भारत से इंगलिस्तान को ख़िरा ख़राजयन्तिम शब्द ।

पृष्ठ १६६७-१७०८