"पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३९": अवतरणों में अंतर
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क्षत्रप वंश । |
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क्षेत्र बंश । |
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"नृपशालिवाहन शके १२५६ इससे प्रकट होता है कि ईसवी सन्की १४ वीं शताब्दीमें दक्षिणबालांने उत्तरी भारतके मालवसंवतके साथ विक्रमादित्यका नाम जुड़ा हुआ देखकर इस संबवके साथ अपने यहाँकी कथाओं में प्रसिद्ध राजा शालिवाहन ( सातवाहन ) का नाम जोड़ दिया होगा। |
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यह राजा |
यह राजा आन्धमृत्य-वंशका था । इस वंशका राज्य ईसवी सन् पुर्वकी दूसरी शताब्दीसे ईसवी सन २२५ के आसपास तक दक्षिणी भारत पर रहा। इनकी एक राजधानी गोदावरी पर प्रतिधानपुर भी या। इस वंशकै राजाओंका वर्णन वायु, मत्स्य, ब्रह्माण्ड, विष्णु और भागवत आदि पुराणों में दिया हुआ है । इसी वंशमै हाल शातकर्णी घडामसिद्ध राजा हुआ था। अतः सम्भव है कि दक्षिणमालों ने उसका नाम संवत्के साथ लगा दिया होगा । परन्तु एक तो सातवाहनके घशजोंके शिला-लेखों में केवल राज्य-वर्ष ही दिखे होनेसे स्पष्ट प्रतीत होता है कि उन्होंने यह संचन प्रचटित नहीं किया था। दूसरा, इस वंशका राज्य अस्त होनेके याद करी ११०० वर्ष तक कहीं भी उक्त सवतके साथ जुड़ा हुआ शालिन बाहनका नाम न मिलनेसे भी इसी बातकी पुष्टि होती है । कुछ विद्वान इस संवतको तुक (कुशन) वी राजा कनिष्कका, कुछ क्षनप नहपानका पुछ शक राजा चेन्सकी और कर सक राजा अय (अज-A20) का प्रचालित किया मानते हैं । परन्तु अभी तक कोई बात पूरी तोरसे निश्चित नहीं हुई है। |
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फ-संवनका प्रारम्म विक्रम संवत् १३६ की बेनाका प्रतिपदाको हुआ था, इसलिए मत शक संवनमें १३५ जोइनेसे गत चैचादि विक्रम-संपत जोर ७८ जोडनेसे ईसवी सन जाता है। अर्थात् शक-संपतका |
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ज्य-वर्ष ही लिखें होने में स्पष्ट प्रतीत होता है कि उन्होंने यह संवत् प्रचलित नहीं %िया थी । दूसरा, इस वंशका राज्य अरत होनेके याद फरव ११०० वर्ष तक कहीं भी उक्त सवनके साथ जुड़ा हुआ शालेवाहनका नाम न मिलने से भी इस बात पुष्टि होती हैं । कुछ बिंदा इस संवतको तुरुक ( कुशन ) वशी आज कनिकका, कुछ क्षत्रप नपनिको, कुछ शक राजा बॅन्की और कई कि राजा भय ( अन्न-A2:0} का प्रति किया हुशा मानते हैं । परन्तु अभी तक कोई नात पूरी तोरसे निश्चित नहीं हुई है ।। |
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और विक्रम संवत्का अन्तर १३५ वर्षका है, तथा चाक-संवत्का और TKat it insts India, PTES. . |
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काफ-संपन्का प्रारम विक्रम संवत् १३६ की अत्रा प्रतिपदा हुवा था, इस लिए मत शक संवमें १३५ जेाइनेसे गत चैचादि फिम-संवत् जर ७८ जौने ईसवी सन आता है । अर्थात् दकि- तुफा और विभ-तका अन्तर १५ वर्षका है, तथा दृढ़-*की जर {१}F 13$ 7t Indof 5 Iadla, , : 455. |