"पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/६९२": अवतरणों में अंतर
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सतीप्रताप |
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दोनों के पवित्र प्रेम-पुरान को सुनकर अपना जीवन |
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चरितार्थ करै। |
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