|
|
पन्ने की स्थिति | पन्ने की स्थिति |
- | अशोधित
| + | शोधित |
पन्ने का मुख्य पाठ (जो इस्तेमाल में आयेगा): | पन्ने का मुख्य पाठ (जो इस्तेमाल में आयेगा): |
पंक्ति १: |
पंक्ति १: |
|
|
|
|
पाँचवाँ दृश्य |
|
|
⚫ |
{{C|{{Xx-larger|'''पाँचवाँ दृश्य*<Ref>* भारतेंदु जी ने इस नाटक के केवल चार दृश्य लिखे थे, जिसे बा. राधाकृष्णदास ने बाद को पूरा किया था।</ref>}}}} |
⚫ |
बनदेवी और बनदेवता आते हैं |
|
|
|
|
⚫ |
|
|
|
⚫ |
{{C|बनदेवी और बनदेवता आते हैं }} |
⚫ |
|
|
|
|
|
⚫ |
जाहिं न पास नगर के कबहीं सब से रहत उदासी |
|
|
⚫ |
<Br>दोनों --(गाते हुए, पूरबी) |
|
रामा॥ |
|
|
|
|
|
⚫ |
<poem><center>हम बनबासी हो रामा। |
|
⚫ |
जाहिं न पास नगर के कबहीं सब से रहत उदासी हो रामा॥ |
|
फल भोजन फूलन के गहना गिरिकंदरा निवासी हो रामा। |
|
फल भोजन फूलन के गहना गिरिकंदरा निवासी हो रामा। |
|
जगत-जाल सों बचि हम बिहरत केवल प्रेम उपासी हो रामा ॥ |
|
जगत-जाल सों बचि हम बिहरत केवल प्रेम उपासी हो रामा॥</center></poem> |
|
|
|
|
बनदेवी-(गाती हुई, पूरबी) |
|
<Br>बनदेवी--(गाती हुई, पूरबी) |
⚫ |
श्रामो प्यारे प्रान हमारे बैठो सीतल छाही हो। |
|
|
|
|
⚫ |
बनदेवता-तुमहुँ थकीं ग्रीषम दुपहरिया चलौ दिये गलबाही हो॥ |
|
|
⚫ |
<poem><center>आओ प्यारे प्रान हमारे बैठो सीतल छाहीं हो। </center></poem> |
⚫ |
( दोनों एक कुंज के पास जाते हैं) |
|
|
|
|
⚫ |
बनदेवी-यह रसाल की सीतल छाया तापर मालति छाई हो । |
|
|
⚫ |
<Br>बनदेवता --तुमहुँ थकीं ग्रीषम दुपहरिया चलौ दिये गलबाही हो॥ |
⚫ |
बनदेवता-वैसे तुमहू प्यारी मेरे कंठ रहो लपटाई हो ॥ |
|
|
|
|
⚫ |
( दोनों कुंन में एक शिला पर बैठते हैं) |
|
|
⚫ |
{{C|(दोनों एक कुंज के पास जाते हैं) }} |
⚫ |
बनदेवी-देखहु प्यारे उपबन-सोभा कैसी छई लुनाई हो ॥ |
|
|
|
|
⚫ |
बनवता-वासों बढ़ि तुव अंग अंग में प्यारी देत लखाई हो ॥ |
|
|
⚫ |
<Br>बनदेवी --यह रसाल की सीतल छाया तापर मालति छाई हो। |
⚫ |
* भारतेंदु जी ने इस नाटक के केवल चार दृश्य लिखे थे, जिसे |
|
|
|
|
|
बा. राधाकृष्णदास ने बाद को पूरा किया था। |
|
|
⚫ |
<Br>बनदेवता --वैसे तुमहू प्यारी मेरे कंठ रहो लपटाई हो॥ |
|
|
|
|
⚫ |
{{C|(दोनों कुंज में एक शिला पर बैठते हैं) }} |
|
|
|
|
⚫ |
<Br>बनदेवी --देखहु प्यारे उपबन-सोभा कैसी छई लुनाई हो॥ |
|
|
|
|
⚫ |
<Br>बनगेवता--वासों बढ़ि तुव अंग अंग में प्यारी देत लखाई हो॥ |
पन्ने का निचला पाठ (noinclude): | पन्ने का निचला पाठ (noinclude): |
पंक्ति १: |
पंक्ति १: |
|
|
{{rule}} |