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जोहति पंथ मनावति संकर बासर निसि मोहिं गनत गई।
भ्रमरगीत-सार
पाती लिखत बिरह तन व्याकुल कागर है गयो नीरमई॥
१४४
ऊधो ! मुख के बचनन कहियो हरिसों सूल नितप्रतिहि नई।
जोहति पंथ मनावति संकर बासर. निसि मोहिं गनत गई।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस को बियोगिनि बिकल भई॥३६७॥
पाती लिखत बिरह तन व्याकुल कागर' है गयो नीरमई॥
राग धनाश्री
ऊधो ! मुख के बचनन कहियो हरिसों सूल नितप्रतिहि नई ।
फूल बिनन नहिं जाउँ सखी री ! हरि बिन कैसे बीनौ फूल।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस को बियोगिनि बिकल भई ॥३६७॥
सुन री, सखी ! मोहिं रामदोहाई फूल लगत तिरसूल।
राग धनाश्री .
वे जो देखियत राते राते फूलन फूली डार।
फूल बिनन नहिं जाउँ सखी री ! हरि बिन कैसे बीनों फूल ।
हरि बिन फूल झार से लागत झरि झरि परत अँगार॥
सुन री, सखी ! मोहिं रामदोहाई फूल लगत तिरसूल ।
कैसे कै पनघट जाउँ सखी री ! डोलौं सरिता-तीर।
वे जो देखियत राते राते फूलन फूली डार ।
भरि भरि जमुना उमड़ि चली है इन नैनन के नीर॥
हरि बिन फूल झार से लागत झरि झरि परत अंगार ।।
इन नैनन के नीर सखी री ! सेज भई घरनाउ।
कैसे कै पनघट जाउँ सखी री! डोलौं सरिता-तीर ।
चाहति हौं याही पै चढ़िकै स्याम-मिलन कों जाउँ॥
भरि भरि जमुना उमड़ि चली है इन नैनन के नीर ॥ .
प्रान हमारे बिन हरि प्यारे रहे अधरन पर आय।
इन नैनन के नीर सखी री! सेज भई घरनाउ ।
सूरदास के प्रभु सों सजनी कौन कहै समुझाय?॥३६८॥
चाहति हौं याही पै चढिकै स्याम-मिलन कों जाउँ ।
प्रान हमारे बिन हरि प्यारे रहे अधरन पर आय ।
सूरदास के प्रभु सों सजनी कौन कहै समुझाय ? ॥३६८)
राग बिहागरो
राग बिहागरो
ऊधो जू ! मैं तिहारे चरनन लागौं बारक या ब्रज करबि भाँवरी।
ऊधो जू ! मैं तिहारे चरनन लागौं बारक या ब्रज करबि भाँवरी।
निसि न नींद आवै,दिनन भोजन भावै, मग जोवत भई दृष्टि झाँवरी॥
निसि न नींद आवै, दिन न भोजन भावै, मग जोवत भई दृष्टि झाँवरी॥
बहै वृंदावन स्याम सघन बन, वहै सुभग सरि . साँवरी।
बहै वृंदावन स्याम सघन बन, वहै सुभग सरि साँवरी।
एक स्याम बिनु स्याम न भावै सुधि न रही जैसे वकत बावरी ॥
एक स्याम बिनु स्याम न भावै सुधि न रही जैसे वकत बावरी॥

. (१) कागर = कागज । (२) : बवनन कहियो= इससे जवानों ही

कहना । (३) झार = अग्नि की ज्वालाः। (४) घरनाउ = घदनई, बाँस में
उलटे घड़े बाँधकर बनाई हुई नाव। .. ... ... .. .
(१) कागर=कागज। (२) बचनन कहियो=इससे जबानी ही कहना। (३) झार=अग्नि की ज्वाला। (४) घरनाउ=घड़नई, बाँस में उलटे घड़े बाँधकर बनाई हुई नाव।