"पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/७८": अवतरणों में अंतर
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"कुछ लीग-लीग कहते थे।" |
"कुछ लीग-लीग कहते थे।" |
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"हाँ वही मुसलिम लीग! खाँ साहब उसके आदमी के लिए कह |
"हाँ वही मुसलिम लीग! खाँ साहब उसके आदमी के लिए कह गये हैं, गाँव वाले काँग्रेस वाले को कहेंगे।" |
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गये है, गांँव वाले कांँग्रेस वाले को कहेंगे।" |
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"हाँ यह तो है।" |
"हाँ यह तो है।" |
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खाँ साहब पुलिस के आदमी हैं, दुश्मनी |
खाँ साहब पुलिस के आदमी हैं, दुश्मनी बाँध लेंगे।" |
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"और क्या।" |
"और क्या।" |
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"इधर |
"इधर गाँव वालों की बात न मानेंगे तो यह बिगड़ेंगे। रात-दिन इन्हीं के साथ रहना है।" |
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इन्हीं के साथ रहना है।" |
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"यही तो मुस्किल है।" |
"यही तो मुस्किल है।" |
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दूसरे गाँव के ठाकुर मुखिया ने इन सबको बुलवाया। इनके पहुँचने |
दूसरे गाँव के ठाकुर मुखिया ने इन सबको बुलवाया। इनके पहुँचने पर उसने पूछा––'कहो अल्लाहबकस मियाँ––किसे वोट देने का इरादा है।" |
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पर उसने पूछा---'कहो अल्लाहबकस मियां---किसे वोट देने का |
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इरादा है।" |
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"अब हम क्या बतावें |
"अब हम क्या बतावें मुखिया––जिसे कहो उसे देदें।" |
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“भई हमारी राय |
“भई हमारी राय तो––को देने की है।" |
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" |
"खाँ साहब मुसलिम लीग वाले को देने कह गये हैं।" |
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"कौन |
"कौन खाँ साहब?" |
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"अरे वही थानेवाले।" |
"अरे वही थानेवाले।" |
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"पुलिस के आदमी हैं।" |
"पुलिस के आदमी हैं।" |
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"तो क्या करेंगे। न जाने कहाँ के रहने वाले हैं। साल- |
"तो क्या करेंगे। न जाने कहाँ के रहने वाले हैं। साल-छः महीने में बदलकर चले जायेंगे––कौन उनकी यहाँ जिमींदारी है।" |
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में बदलकर चले जायेंगे--कौन उनकी यहाँ जिमींदारी है।" |
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"हाँ यह तो आप ठीक कहते हो।" |
"हाँ यह तो आप ठीक कहते हो।" |
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"सो हम आप से बाहर नहीं हैं जिसे हुकुम देओगे उसे देंगे।" |
"सो हम आप से बाहर नहीं हैं जिसे हुकुम देओगे उसे देंगे।" |
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"बस यही पूछना |
"बस यही पूछना था––अच्छा-यह नाम याद रखना––समझे?" |