"पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/७६": अवतरणों में अंतर

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पन्ने का मुख्य पाठ (जो इस्तेमाल में आयेगा):पन्ने का मुख्य पाठ (जो इस्तेमाल में आयेगा):
पंक्ति १: पंक्ति १:
"तब तो हमें मुसलमान को वोट देना पड़ेगा। हम हिन्दू को वोट
काहे को दें।"


प्रौढ़ चचा हँस कर बोला---"अरे तुम समझे नहीं! हम तो मुसलमान को ही देंगे।"


"तब तो हमें मुसलमान को वोट देना पड़ेगा। हम हिन्दू को वोट काहे को दें।"
"तुमने कहा न कि कांग्रेस की तरफ से खड़ा होगा।"

प्रौढ़ चचा हँस कर बोला––"अरे तुम समझे नहीं! हम तो मुसलमान को ही देंगे।"

"तुमने कहा न कि काँग्रेस की तरफ से खड़ा होगा।"


"होयगा वह भी मुसलमान ही हिन्दू नहीं होगा।"
"होयगा वह भी मुसलमान ही हिन्दू नहीं होगा।"
पंक्ति १०: पंक्ति ११:
"क्या मतलब मैं समझा नहीं।"
"क्या मतलब मैं समझा नहीं।"


"तुम गावदी ही रहे। अरे भइया दो मुसलमान खड़े होंगे, एक
"तुम गावदी ही रहे। अरे भइया दो मुसलमान खड़े होंगे, एक मुसलमीन की तरफ से और एक काँग्रेस की तरफ से।"
मुसलमीन की तरफ से और एक काँग्रेस की तरफ से।"


"अच्छा काँग्रेस की तरफ से भी मुसलमान ही खड़ा होगा।"
"अच्छा काँग्रेस की तरफ से भी मुसलमान ही खड़ा होगा।"
पंक्ति १७: पंक्ति १७:
"हाँ!"
"हाँ!"


"तब फिर क्या खौफ है। गाँव वाले जिस मुसलमान को कहेंगे,
"तब फिर क्या खौफ है। गाँव वाले जिस मुसलमान को कहेंगे, उसे वोट दे देंगे।"
उसे वोट दे देंगे।"


"सो तो करना ही पड़ेगा।"
"सो तो करना ही पड़ेगा।"
पंक्ति २५: पंक्ति २४:


"यही तो मुस्किल है।"
"यही तो मुस्किल है।"
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चुनाव का दिन निकट आ गया। एक दिन एक मुसलमान कान्स्टेबिल गश्त करता हुआ सीरामऊ भी आ निकला। मुसलमानों ने उसका स्वागत किया। खाना-वाना खाने के बाद मु॰ कान्स्टेबिल बोला––"तुम किसे वोट देओगे?"
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चुनाव का दिन निकट आ गया। एक दिन एक मुसलमान कान्स्टे-बिल गश्त करता हुआ सीरामऊ भी आ निकला। मुसलमानों ने उसका स्वागत किया। खाना-वाना खाने के बाद मु० कान्स्टेबिल बोला---"तुम किसे वोट देओगे?"


"अब हम यह सब क्या जानें! जिसे आप कहें उसे दे दें।"
"अब हम यह सब क्या जानें! जिसे आप कहें उसे दे दें।"
पंक्ति ३४: पंक्ति ३१:
"मुसलिम लीग के आदमी को देना।"
"मुसलिम लीग के आदमी को देना।"


"मुसलिम लीग क्या है ?"
"मुसलिम लीग क्या है?"


"मुसलिम लीग मुसलमानों की एक जमात है। वह पाकिस्तान
"मुसलिम लीग मुसलमानों की एक जमात है। वह पाकिस्तान बनवायगी।"
बनवायगी।"