"पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/१२": अवतरणों में अंतर

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इस समाचार के निकलने पर जनता में काफी टीका-टिप्पणी हुई। कुछ लोगों ने इस समाचार के औचित्य पर सन्तोष प्रकट किया, परन्तु अधिकांश को असन्तोष हुआ।
इस समाचार के निकलने पर जनता में काफी टीका-टिप्पणी हुई। कुछ लोगों ने इस समाचार के औचित्य पर सन्तोष प्रकट किया, परन्तु अधिकांश को असन्तोष हुआ।
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जन्माष्टमी का दिन आ गया। रात के नौ बजे से ही रायसाहब के द्वार पर भीड़ जमा होने लगी। एक दोना प्रसाद और एक कुल्हिया पंचामृत पाने के लिए स्त्री-पुरुष की भीड़ जमा थी।
जन्माष्टमी का दिन आ गया। रात के नौ बजे से ही रायसाहब के द्वार पर भीड़ जमा होने लगी। एक दोना प्रसाद और एक कुल्हिया पंचामृत पाने के लिए स्त्री-पुरुष की भीड़ जमा थी।