"पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/१०": अवतरणों में अंतर
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और पूरी मण्डली का सेकेण्ड क्लास का किराया माँगते हैं।" |
और पूरी मण्डली का सेकेण्ड क्लास का किराया माँगते हैं।" |
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"फिर तुमने क्या किया?" |
"फिर तुमने क्या किया?" |
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"कुछ नहीं। मैं कह |
"कुछ नहीं। मैं कह आया हूँ कि यदि हमारे रायसाहब को स्वीकार होगा तो आपको तार से इत्तला दी जायगी। हाँ तार से ही सेकेण्ड क्लास का किराया और सौ रुपये पेशगी भेजने पड़ेंगे।" |
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क्लास का किराया और सौ रुपये पेशगी भेजने पड़ेंगे।" |
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"कितने आदमी आयेंगे?" |
"कितने आदमी आयेंगे?" |
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"पांच आदमी! एक बाजे वाला, ढोलकिया, और तीन कीर्त्तन करने वाले। हाँ उनके साथ एक नौकर भी होगा, उसका थर्ड क्लास का किराया देना होगा। |
"पांच आदमी! एक बाजे वाला, ढोलकिया, और तीन कीर्त्तन करने वाले। हाँ उनके साथ एक नौकर भी होगा, उसका थर्ड क्लास का किराया देना होगा।" |
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"यदि छठी तक उन्हें रक्खा गया तो छः सौ तो वह हुए और दो सौ के लगभग रेलभाड़ा—इस प्रकार आठ सौ का खर्चा है।" |
"यदि छठी तक उन्हें रक्खा गया तो छः सौ तो वह हुए और दो सौ के लगभग रेलभाड़ा—इस प्रकार आठ सौ का खर्चा है।" |
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"जी हाँ।" |
"जी हाँ।" |
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रायसाहब कुछ क्षण सोच कर |
रायसाहब कुछ क्षण सोच कर बोले––"अच्छा बुला लिया जाय।" |
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"तो आज दो सौ रुपये तार से भेज देना चाहिए। सौ रुपये पेशगी और सौ रुपये रेल-भाड़ा।" |
"तो आज दो सौ रुपये तार से भेज देना चाहिए। सौ रुपये पेशगी और सौ रुपये रेल-भाड़ा।" |
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राय साहब ने उसी दिन दो सौ रुपये तार द्वारा भेजवा दिए। |
राय साहब ने उसी दिन दो सौ रुपये तार द्वारा भेजवा दिए। |
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रायसाहब के {{SIC|पारमर्शदाताओं|परामर्शदाताओं}} ने यह समाचार रायसाहब को दिया। |
रायसाहब के {{SIC|पारमर्शदाताओं|परामर्शदाताओं}} ने यह समाचार रायसाहब को दिया। |