"पृष्ठ:दुर्गेशनन्दिनी द्वितीय भाग.djvu/५१": अवतरणों में अंतर

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तिलोत्तमा ने कहा 'इतने दिन जी कर क्या किया और अब जी कर क्या करूंगी।'
<br>{{gap}}तिलोत्तमा ने कहा 'इतने दिन जी कर क्या किया और अब जी कर क्या करूंगी।'


बिमला भी रोने लगी और थोड़ी देर में ठंढी सांस लेकर बोली अब क्या उपाय करना चाहिये?'
बिमला भी रोने लगी और थोड़ी देर में ठंढी सांस लेकर बोली अब क्या उपाय करना चाहिये?'