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हिन्द स्वराज्य
गांधीजी
अनुवादक
अमृतलाल ठाकोरदास नाणावटी
यह किताब द्वेषधर्मकी जगह प्रेमधर्म सिखाती है ;
हिंसाकी जगह आत्म-बलिदानको रखती है ;
पशुबलसे टक्कर लेनेके लिए आत्मबलको खड़ा करती है।
नवजीवन प्रकाशन मंदिर
अहमदाबाद-१४