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छुटकारा

आपसे यह सब हम बेअदबीसे नहीं कह रहे हैं। आपके पास हथियार-बल है, भारी जहाजी सेना है। उसके ख़िलाफ़ वैसी ही ताक़तसे हम नहीं लड़ सकते। लेकिन आपको अगर ऊपर कही गई बात मंजूर न हो, तो आपसे हमारी नहीं बनेगी। आपकी मरजीमें आये तो और मुमकिन हो तो आप हमें तलवार से काट सकते हैं,मरजीमें आये तो हमे तोपसे उड़ा सकते हैं। हमें जो पसंद नहीं है वह अगर आप करेंगे, तो हम आपकी मदद नहीं करेंगे; और बगैर हमारी मददके आप एक कदम भी नहीं चल सकेंगे।

संभव है कि अपनी सत्ताके मदमें हमारी इस बातको आप हँसीमें उड़ा दें। आपका हँसना बेकार है, ऐसा आज शायद हम नहीं दिखा सकें। लेकिन अगर हममें कुछ दम होगा, तो आप देखेंगे कि आपका मद[१] बेकार है और आपका हँसना (विनाश-कालकी) विपरीत[२] बुद्धिकी निशानी है।

हम मानते हैं कि आप स्वभावसे धार्मिक राष्ट्रकी प्रजा हैं। हम तो धर्मस्थानमें ही बसे हुए हैं। आपका और हमारा कैसे साथ हुआ, इसमें उतरना फ़िजूल है। लेकिन अपने इस सम्बन्धका हम दोनों अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

आप हिन्दुस्तानमें आनेवाले जो अंग्रेज हैं वे अंग्रेज प्रजाके सच्चे नमूने नहीं हैं; और हम जो आधे अंग्रेज जैसे बन गये हैं वे भी सच्ची हिन्दुस्तानी प्रजाके नमूने नहीं कहे जा सकते। अंग्रेज प्रजाको अगर आपकी करतूतोंके बारेमें सब मालूम हो जाय, तो वह आपके कामोंके ख़िलाफ़ हो जाय। हिन्दकी प्रजाने तो आपके साथ संबंध थोड़ा ही रखा है। आप अपनी सभ्यताको, जो दरअसल बिगाड़ करनेवाली है, छोड़ कर अपने धर्मकी छानबीन करेंगे, तो आपको लगेगा कि हमारी माँग ठीकहै। इसी तरह आप हिन्दुस्तानमें रह सकते हैं। अगर उस ढंगसे आप यहाँ रहेंगे तो आपसे हमें जो थोड़ा सीखना है वह हम सीखेंगे और हमसे आपको जा बहुथ सीखना है वह आप सीखेंगे। इस तरह हम (एक-दूसरेसे) लाभ उठायेंगे और सारी दुनियाको लाभ पहुंचायेंगे। लेकिन यह तो तभी हो सकता है जब हमारे संबंधकी जड़ धर्मक्षेत्रमें जमे।

  1. गरूर, घमंड।
  2. उलटी।