यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२०४
फेबियन सोसाइटी
 

गोना,पापुया यादि कई द्वीप-समूह को वापस ले चुकी हैं। सुदूर-पूर्व में दम द्वीप-पज का सामरिक दृष्टि से बढा महत्व है। यहाँ के क़बीले अलग-अलग भाषाये बोलते हैं। किन्तु अगरेजी सरकारी भाषा और स्पेनी सबसे सागर अधिक बोली-लिखी जानेवाली भाषा है। अविवासी प्रायः रोमन कैयलिक ईसाई हैं । मुसलमान कबीले भी हैं,जो शामन-नीति से असन्तुष्ट है और जिनकी संख्या ४ लाख है। ३० फीसदी जनता शिक्षित है । रुई,कपडा,पटसन और इमारती लकटी का व्यापार पहले से जापानी-व्यापारीयों के हाथ में था।

फेडरल यूनियन-यह विश्व-मघ स्थापित करने का एक प्रस्ताव है। जिसकी चर्चा स्ट्रैट नामक एक लेखक ने की है । इसके अनुसार पहले बरतानिया,अमरीका,फ्रान्स,बेलजियम,नीदरलैन्ड्स,स्वीडन, नार्वे,डेनमार्क,फिनलैंड,न्विट्जरलैंड,कनाडा,आस्ट्रेलिया,दक्षिण अफरीका,न्यूजीलैण्ड और आयलैंड ससार के इन १५ प्रजातत्र राष्ट्रों का एक सघ बनाया जायगा और अन्त में ससार के सब राष्ट्र उसमे शामिल किये जायेंगे । लन्दन मे १६३६ के मध्य में एक सस्था इस उद्देश को लेकर स्थापित हुई थी। बाद मे करी नामक लेखक ने यह भी लिखा कि लडाई के बाद,जर्मनी मे प्रजातंत्र की पुनर्स्थापना होने पर,उसे भी सघ मे शामिल कर लिया जाय । इन पन्द्रह देशो को भौगोलिक स्थिति और स्वार्थों मे बहुत साम्य है । यह भी तजवीज है कि सघ का विधान सयुक्त राज्य अमरीका के संघ-विधान के आधार पर हो ।

फेबियन सोसाइटी-ब्रिटिश 'समाजवादी विचारको की सस्था । सन् १८३३ मे स्थापना हुई । इसके प्रमुख प्रारम्भिक नेता सिडनी वैब और जाज