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फिलीपाइन्स
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आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति बहुत मद गति से हो रही है।

ब्रिटिश स्वार्थों की रक्षा की दृष्टि से,भूमध्यसागर के समीप होने के कारण,सामरिक दृष्टिकोण से,इस देश का बड़ा महत्व है। फिल- स्तीन स्वेज़ के पार्श्व मे है । यह साम्राज्य के मार्ग पर नियन्त्रण रखता है,विशेषकर भारत और सुदूरपूर्व के । हैफा बन्दरगाह पर इराकी तेल का नल समाप्त होता है । यहाँ ब्रिटिश हवाई सेना और नौ-सेना के अड्ड भी हैं। हज़रत मूसा और हज़रत ईसा फिलस्तीन मे पैदा हुए थे । इसलाम की भी विकास-भूमि वह रहा है,इसलिए अरब,मुसलमान,यहूदी और ईसाई सभी का इससे अपनपा है।

फिलीपाइन्स द्वीप-समूह-मलय के द्वीपपुज मे १००० से अधिक छोटे-बडे द्वीपो का यह समूह स्थित है। इनका क्षेत्रफल१,१४,००० वर्गमील और आबादी लगभग १,४०,००,००० है । इसमे अधि- काश मलय चीनी रक्त के हैं । इस सख्या मे ७५,००० शुद्ध चीनी और २०,००० जापानी है । मनीला इसकी राजधानी है । इनमे ६१७ द्वीप तो इतने छोटे है जिनका क्षेत्रफल एक वर्गमील से भी कम है । इनमे ११ महत्वपूर्ण टापू है । लुजोन और मिन्डनाश्रो ख़ास टापू है । लुजोन का क्षेत्रफल ४०,८१४ वर्गमील और मिन्डनायो का ३६,६०६ वर्गमील है । इस द्वीपसमूह को १८६८ ई० मे सयुक्त राष्ट्र अमरीका ने स्पेन से जीता । यह वन्यप्रदेश है, जो अपनी सुन्दर छटा के लिए बहुत प्रसिद्ध है । पटसन, रुई, लकडी,रबर,चावल,नारियल,ताड तथा गन्ना खास पैदावारे है। फिलिपनो लोग स्वाधीनता के लिये बराबर लडते आ रहे हैं । १८६४-६७ मे स्पेन के खिलाफ और १८६६-१६०१ मे अम- रीका के खिलाफ विद्रोह कर चुके हैं । १६१६ और १६३५ मे अमरीका द्वारा इनको कुछ शासन-सुधार मिल भी चुके हैं । और अब कई वर्ष पूर्व अमरीका ने इस देश को ४ जुलाई १६४६ मे पूर्ण स्वाधीनता देने की घोषणा कर दी थी। लेकिन भावी विधान मे फिलीपाइन्स को आगामी १५ वर्षों तक अमरी का से पारस्परिक लाभकारी व्यापारिक सम्बन्ध रखने की भी बात थी।

७ दिसम्बर १६४१ को जापान ने इस द्वीप-पुज पर आक्रमण कर अपना अधिकार कर लिया और अब फिलिपनो सेनासहित मित्रराष्ट्रो की सेनाएँ इन द्वीपो को वापस लेने के लिये जापान से घनघोर युद्ध कर रही हैं,और वह