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पेशावर हत्याकाण्ड
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१२ और ३० जुलाई '४० को पेतॉ ने शासन-विधान मे ५ सशोधन क़ानून प्रकाशित किये और प्रजातन्त्र-शासन-विधान को बदलकर वह अनधिकृत फ्रान्स का सर्वेसर्वा बन गया। पेतॉ का जन्म १८५६ ई० मे हुआ। वह १८७८ से सेना मे अफ़सर है। १९१४ मे जनरल बना। १९१६ मे वदूर्न को बचाया। १९१७ मे सेनापति बनाया गया और १९१८ मे प्रधान सेनानायक (मार्शल)। १९२५-२६ मे इसने मरक्को के विद्रोह का दमन किया। १९२० से '३० तक युद्ध-समिति का उप-प्रधान रहा। १९३१ से राष्ट्ररक्षा समिति का सदस्य है। डूमर्ग-मन्त्रिम्ण्डल मे १९३४ से युद्ध-मन्त्री रहा। पेतॉ एकदम दक्षिणपन्थी नीति का राजनीतिज्ञ है और


१८३६ के फ्रासिस्त षड्यन्त्र मे उसका नाम भी लिया गया था। १९३९ मे, स्पेनी गृहयुद्ध के बाद। पेतॉ जनरल फ्रांको के यहाॅ फ्रांसीसी दूत बनाकर भेजा गया था। मई १९४० मे मोशिये रिनौ ने उसे अपने मन्त्रिमण्डल मे उप-प्रधान-मन्त्री बनाया, किन्तु वह मोशिये लावल के प्रभाव मे आकर नात्सी-पक्षपाती बन गया और जून १९४० मे उसने फ़्रान्स को नात्सियो के अधीन कर दिया। उसकी आयु ८५ वर्ष है।

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