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जयरामदास दौलतराम
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गये। कई मास तक कांग्रेस के स्थानापत्र प्रधान मन्त्री का काम किया। नासिक जेल में श्री मसानी, श्री अच्युत पटवर्द्धन तथा श्री जयप्रकाश नारायण ने भारतीय कांग्रेस-समाजवादी-दल के उद्देश्य तथा नियम बनाये। सन् १९३४ मे, पटना में, उन्होने अखिल-भारतीय कांग्रेस-समाजवादी सम्मेलन का आयोजन किया। इस प्रकार समाजवादी-दल की स्थापना हुई। आप इसके प्रधान मन्त्री बनाये गये। सन् १९३६ मे प० जवाहरलाल


नेहरू ने कांग्रेस-कार्य-समिति मे उन्हे सदस्य नियुक्त किया। उन्होने 'समाजवाद ही क्यो?' नामक एक पुस्तक अँगरेज़ी मे लिखी है। विगत रामगढ-काग्रेस, मार्च १९४०, से पहले सरकार ने उन्हे गिरफ़्तार कर लिया। वह छूटे ही थे कि सन् '४१ मे सरकार ने वामपक्षी दल के भारतव्यापी दमन के समय पकडकर उन्हे देवली मे नज़रबन्द कर दिया। सन् '४२ के जुलाई-अगस्त महीनो मे सरकार ने साम्यवादियो(कम्युनिस्टो)को देवली आदि जेलो से छोड दिया, किन्तु जयप्रकाशजी तथा दूसरे समाजवादी नही


छोडे गये है और उनका दमन जारी है।


जयरामदास दौलतराम--कांग्रेस-कार्य-समिति के सदस्य रहे हैं। सिन्ध के कांग्रेसी नेता हैं। जन्म सन् १८७२ में हैदरबाद(सिघ)मे हुआ। शिक्षा बी०ए०, एलएल०बी०तक। कराची मे वकालत की। सन् १९१७ मे होमरूल लीग मे काम किया। सन् १९२७ से अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य रहे। 'भारतवासी'(१९१९), 'हिन्दु' और 'वन्देमातरम्'(१९२१), 'हिन्दुस्तान टाइम्स'(१९२५-२६)मे संपादन विभाग मे काम किया।