यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
११८
जयप्रकाश नारायण
 


सायियो मे थे। सन् १९२० से काग्रेस-आन्दोलन मे भाग लेते रहे। गान्धीजी के परम स्नेहभाजन थे। बराबर अनेक वर्षो तक काग्रेस के कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी के सदस्य रहे। सन् १९२३ के नागपुर-सत्याग्रह का संचालन किया। असहयोग-आन्दोलन में तथा सन् १९३०-३२ के आन्दोलनो मे जेल-यात्रा की। तिलक स्वराज्य फड


मे सेठजी ने एक लाख रुपया दान दिया था। सन् १९३८-३९ मे जयपुर मे आपने सत्याग्रह किया और दो बार क़ैद की सजा मिली। सेवाग्राम मे आपकी ही ज़मीदारी पर गान्धीजी का आश्रम है। गान्धीजी और काग्रेस की आपने अनेक बार यथेष्ट सहायता की। राष्ट्रीय दृष्टि से आपकी ऐसी साख थी कि काग्रेस का लाखो रुपया आपके यहॉ, कोषाध्यक्ष की हैसियत से, जमा रहता था। फर्वरी १९४२ मे आपकी हृद्-गति रुक जाने से सहसा मृत्यु हो गई।


जयप्रकाश नारायण--भारत के सुप्रसिद्ध काग्रेस-समाजवादी राजनीतिज्ञ और अग्रणी। आपका जन्म, अब से प्रायः ४१ वर्ष पूर्व, सारन(बिहार) जिले के सिताबदियारा ग्राम मे एक किसान-परिवार मे हुआ। आरमभिक शिक्षा बिहार मे प्राप्त की और उसके बाद, सन् १९२२ मे, कैलिफोर्निया (अमरीका) गये। वहॉ फलो के बगीचो मे काम करते थे, जिससे उन्हे १४) रोज मजदूरी मिल जाती थी। इस प्रकार स्वाश्रयी और स्वावलम्बी बन कर शिक्षा ग्रहण की। सन् १९३० तक वहॉ रहे, और पॉच विश्वविद्यालयो मे शिक्षा प्राप्त की।

गणित, भौतिक-शास्त्र, रसायन-विज्ञान से शुरू किया और वर्षों तक जीव-विज्ञान, मनोविज्ञान, समाज-विज्ञान तथा अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। सन् १९३१ मे, जब भारत मे सत्याग्रह-आन्दोलन चल रहा था, वापस आये। कांग्रेस के मजदूर-अन्वेषण-विभाग के अध्यक्ष बनाये