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गौल
 


जनवरी १९३९ में आर्थिक कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सन् १९३९ के अगस्त में वह युद्व-मंत्रि-मण्डल का सदस्य नियुक्त किया गया और १ सितम्बर १९३९ को हिटलर ने उसे अपना उत्तराधिकारी नामज़्द किया। 'मक्खन नही बन्दूक़' का नारा


इसने बुलन्द किया और इस प्रकार जर्मन जाति को जीवनोपयोगी वस्तुओं की मितव्ययिता का पाठ पढ़ाकर बचत को हथियारो में लगवा दिया। गोरिंग् शान-शौकत और विलासिता-पूर्ण जीवन के लिए मशहूर है।


गोविन्ददास, सेठ--जबलपुर के प्रसिद्ध काग्रेसी नेता तथा हिन्दी के नाटककार भी । सन् १९२१ से आप काग्रेस-क्षेत्र में हैं। सन् १९३४ में काग्रेस की


ओर से केन्द्रीय असेम्बली के सदस्य चुने गये। 'लोकमत' हिन्दी दैनिक की सन् १९२९ में स्थापना की। पीछे पत्र बन्द होगया। सन् १९३० के और

१९४० के सत्याग्रह मे भाग लिया तथा जेल गये। १९२४-३० मे स्वराज्य-दल की ओर से कौसिल आफ् स्टेट के सदस्य चुने गये। सन् १९३९ में त्रिपुरी मे काग्रेस-अधिवेशन की स्वागत-समिति के अध्यक्ष थे। हिन्दी मे कई नाटक लिखे हैं। एकाकी नाटकों के लिखने में प्रसिद्धि पा चुके हैं। आप गान्धीवादी नेता हैं।


गौल, जनरल डी--यह फ्रान्स के सैनिक अधिकारी थे। इस समय आप अधिकृत तथा