७० दाल की बनाई चीजें---पापड़, मुंगौड़ी, दालमोठ श्रादि रोगियों को दी जा सकती हैं। दूध- गाय का ताजा दृध बिल्कुल स्वच्छ और मीठा होता है, और सब श्रेणी के मनुष्यों के लिए श्रावश्यक आहार है । केवल इसी लिए नहीं कि इसे बच्चे तक बड़ी आसानी से हजम कर सकते हैं, और वह स्वभाव से ही सुपथ्य है, किन्तु इसलिए भी कि उसमें आहार के अनेक उपयोगी तत्व हैं । बड़े ही खेद का विषय है, कि ऐसा अश्रत पदार्थ- कुछ साधारण असावधानियों के कारण विप के रूप में हमें मिलता है । दूध को दुहने, बाजार में बेचने, और काम में लाने के तरीके सारे भारतवर्ष में इतने गन्दे और घृणित हैं कि बाजार का अच्छ-से-अच्छा दूध पीने की मैं किसी को सम्मति नहीं दे सकता । बम्बई की म्युनिसिपल्टी ने एक बार बाजार से १५०० दुकानों से दूध मंगाकर जाँच की तो सौ में १० नमूनों में धूल मिट्टी, मैल और मरे, सड़े, गले, मक्खी-मच्छरों के अंग तथा चार बटे पाँच भाग पानी प्रत्येक नमूनों में मिला पाया गया । जनता का और सरकार का भी यह परम कर्तव्य है कि बाजार में विशुद्ध दूध के मिलने के सुभीतों पर विचार करे । १-स्त्री के दूध की अपेक्षा गाय के दूध में तिगुना पोषक तत्व है । २-चिकनाई करीब-करीब बराबर है। १-स्त्री के दूध में शर्करा का भाग गाय से अधिक है। ४--गाय का दूध स्त्री के दूध की अपेक्षा जल्दी खट्टा हो जायगा; क्योंकि उसमें लवण का अंश अधिक है। -भैंस के दूध में स्त्री के और गाय के दूध की अपेक्षा दुगनी के लगभग चिकनाई होती है। -बकरी का दूध लगभग गाय के दूध के समान होता है; पर उसमें
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