पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५४५

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त (१८९८ - १९०३ ) १८९८ फरवरी २८ : प्रिटोरिया-स्थित ब्रिटिश एजेंटको सूचना दी कि १८८५ के कानून ३ के सिलसिले में ट्रान्सवालके भारतीयोंका परीक्षात्मक मुकदमा दायर करनेका इरादा है । मार्च २ : फुटकर व्यापारके परवानेके सम्बन्ध में सोमनाथ महाराजके मुकदमेकी पैरवी की। अगस्त ८ : परीक्षात्मक मुकदमे में ट्रान्सवालके उच्च न्यायालयने फैसला दिया कि दूकान और निवासके स्थानों में अन्तर नहीं किया जा सकता और भारतीयोंको सरकार द्वारा मुकर्रर बस्तियोंमें ही रहना और व्यापार करना होगा । अगस्त १९ : परीक्षात्मक मुकदमे में अदालतके विरोधी फैसलेकी सूचना देते हुए भारतके वाइसरायको तार । अगस्त २२ : ट्रान्सवाल- सरकार द्वारा बस्तियोंकी नीति कार्यान्वित करनेपर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसको हस्तक्षेपके लिए प्रार्थनापत्र | अगस्त २५: उक्त प्रार्थनापत्रकी एक प्रति भारत-मंत्री को भेजी । अगस्त ३० : भावनगरी और इंडियाको परीक्षात्मक मुकदमे के फैसलेके बारेमें तार दिया कि भारतीयोंको श्री चेम्बरलेनके हस्तक्षेपका भरोसा है । सितम्बर १४ : प्रजातीय आधारपर भारतीयोंको व्यापारिक परवाना देनेकी इनकारीके खिलाफ़ डर्बन नगर परिषदके सामने दादा उस्मानके मुकदमेकी पैरवी की, जो विफल हुई। नवम्बर ३ : प्रवासी-अधिनियम के अन्तर्गत आगमन और प्रस्थान-शुल्क लगानेके विरोध में उप- निवेश सचिवको तार । नवम्बर १९ : सरकारी गजटमें बस्ती-सूचना प्रकाशित हुई । नवम्बर २० : बस्तियों-सम्बन्धी आज्ञापत्रके अमलसे होनेवाली गम्भीर आर्थिक हानिके बारेमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेससे फरियाद । नवम्बर २९ : अपने सुझावके अनुसार डर्बनमें स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय प्रिंटिंग प्रेसके उद्घाटन समारोहमें भाग लिया । दिसम्बर ५ : इंडियाको तारसे सुझाव दिया कि ब्रिटिश मित्र बस्ती नीतिको रद कराने के प्रयत्नों में उच्चायुक्तके इंग्लैंड आगमनका फायदा उठायें । दिसम्बर २३ : परवाना - कानूनके बहस- तलब मुद्दोंपर तज्ञ यूरोपीय वकीलकी कानूनी राय माँगी । दिसम्बर ३१ : विक्रेता-परवाना अधिनियम, १८९७ के सम्बन्ध में उपनिवेश मन्त्रीके नाम प्रार्थना- पत्रका मसविदा बनाया । १८९९ जनवरी ११ : नेटाल- गवर्नरको भारतीयोंका परवाना सम्बन्धी प्रार्थनापत्र भेजा । जनवरी २१ : परवानोंके सम्बन्धमें भारतीयोंकी शिकायतपर तुरन्त ध्यान देनेके लिए भारत के अखबारों और जनताके नाम पत्र । जनवरी २२ : प्रार्थनापत्र भेजकर परवाना - अधिनियम में वाइसरायसे हस्तक्षेपकी प्रार्थना । Gandhi Heritage Portal