४९२ सम्पूर्ण गांधी वाङमय बरता जाता, तबतक उन्हें चैन नसीब नहीं हो सकता। हमारे देश-भाइयोंका कर्तव्य है कि वे कानूनमें अभीष्ट संशोधन करवानेके लिए अपना आन्दोलन जारी ही रखें। [ अंग्रेजीसे ] इंडियन ओपिनियन, १-१०-१९०३ ३५०. जोहानिसबर्गकी भारतीय बस्ती लगभग दो वर्षकी बात है । मेजर ओ'मियारा उस समय जोहानिसबर्गके तानाशाह थे । आयरलैंडके निवासी विनोदी तो होते ही हैं । जोहानिसबर्गकी भारतीय बस्ती उन दिनों बड़ी गन्दी बताई जाती थी । उसके बारेमें एक अत्यन्त सनसनीदार विवरण पेश करके उन्होंने जोहानिस- वर्गकी जनता के साथ एक गहरा अमली मजाक किया। उन्होंने उसको बहुत साफ-साफ शब्दोंमें सावधान किया कि भारतीय बस्तीके कारण नगरके आरोग्यको बहुत भारी और तात्कालिक खतरा है। इस बातको बादमें श्री लियोनेल कर्टिस और डॉ० पोर्टरने उठा लिया। दोनों उत्साही सज्जन ताजा-ताजा लंदनसे आये थे। उन्होंने सोचा, जोहानिसबर्गकी जनताकी कोई खास और बड़ी सेवा करके अच्छी तनख्वाह और साथ-साथ जनताके एक विशेष वर्गकी कृतज्ञता भी क्यों न प्राप्त करें । इसलिए उन्होंने उस सुयोग्य मेजरसे भी दो कदम आगे बढ़कर भारतीय बस्तीके पासके कुछ अन्य स्थानोंको भी बुरा बता दिया और उस सारे हिस्सेको "अस्वच्छ क्षेत्र" कहकर उसे जोहानिसबर्गके निवासियोंके आरोग्यके लिए एक सतत और तात्कालिक खतरा ठहरा दिया। नगर परिषद में तमाम व्यापारी हैं। स्वभावतः उन्होंने सोचा कि नगर- पालिकाके लिए कमाई करनेका यह बहुत अच्छा अवसर है। लॉर्ड मिलनरके सामने पेश करनेके लिए उन्होंने एक जोरदार प्रतिवेदन तैयार किया और उसके अन्दर इस हिस्सेको उन्होंने अस्वच्छ क्षेत्र बताकर चाहा कि, लॉर्ड मिलनर नगर परिषदको ऐसी असाधारण सत्ता दे दें कि वह इस हिस्सेको छीन सके। लॉर्ड मिलनरको इसमें कुछ संकोच हुआ; अतः उन्होंने समझौते के रूपमें नगर परिषदके सुझावकी जाँच करने और उसपर अपनी रिपोर्ट देनेके लिए एक आयोगकी नियुक्ति कर दी। ऐसे यह स्वाँग पूरा किया गया। आयोगने अपना निर्णय नगर- परिषदके अनुकूल दिया। उसने उस भागको बुरा बताते हुए लॉर्ड मिलनरको सलाह दी कि वे नगर परिषदको बेदखली करनेका अधिकार दे दें। इस तरह मेजर ओ'मियाराने बैठे-ठाले जो विवरण पेश किया था उसका नतीजा यह हुआ कि वहाँ रहनेवाले हजारों आदमी अपने उचित अधिकारोंसे वंचित कर दिये गये। अगर हमारे इस कथनमें किसीको अविश्वास हो तो हम ऐसे शंकाशीलोंसे सिफारिश करेंगे कि वे स्वर्गीय सर विलियम मैरियटकी कटु आलोचना पढ़ जायें, जिसमें उन्होंने नगर परिषदकी नीतिकी जी खोलकर निन्दा की है। बहुतसे प्रसिद्ध डॉक्टरोंने इस आशयकी गवाहियाँ भी दी हैं कि जिस क्षेत्रको नगर-परिषदने अस्वच्छ बताया है वह जोहानिसबर्गके अन्य कई हिस्सोंसे अधिक अस्वच्छ नहीं है, और उसमें जो खामियाँ बताई हैं वे न्यूनाधिक परिमाणमें सारे शहरमें पाई जाती हैं। लेकिन इस सबका कोई फायदा नहीं हुआ । नगर-परिषद इस बातपर तुली थी कि नगरके उस सारे हिस्सेपर अधिकार कर ले। इस उद्देश्यको सफल बनाने में श्री कर्टिस और डॉक्टर पोर्टर उसके लिए कीमती साधन साबित हुए। किन्तु नीरो का १. सीज़रके वंश में उत्पन्न रोमका अन्तिम सम्राट, जो अनुचित उत्साह, विलास और अत्याचारोंके लिए प्रसिद्ध था। जब उसके ही लोगोंने रोम नगर में भाग लगा दी थी उस समय वह खुशीसे सारंगी बजाने में लगा था । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५३४
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