जहांगीरनामा। लिया गया था। तौलमें १८ टांक शरती है। मेरी सरकारमें कोई लाल १२ टांकसे अधिक न था। जौहरियोंने उसका वही मूल्य स्वीकारः किया। . . . . . (२) एक. नौलम आदिलखांकी भेटÈसे ६ टांक ७ रतीका है अब तक इतना बड़ा और ऐसे. रंग रूपका नीलम नहीं देखा गया था। . . . . . .. (३) चमकोड़ा होरा अादिलखांको भेटमेंसे १ टांक ६ रतीका है। इसका मोल ४० हजार बताया गया है। दक्षिण में चमकोड़ा एक सागका नाम है। जब मुरतिजा निजामशाहने बरारका देश जौता था तो एक दिन स्त्रियों सहित बागमे गया। वहां एक युवतीने चमकोड़ेके सागमें इस होरेको पड़ापाया। उस दिनसे इसका नाम चमकोड़ा हुआ। अहमदनगरका राज छिन्न भिन्न होने पर इब्राहीम आदिलखांदके हाथ आया। . (४) एक पन्ना अदिलखांकी भेटमेंसे है जोनिकला तो नई खांनमेंसे है पर इतना सुंरङ्ग और स्वच्छ है कि वैसा अब तक देखने में नहीं आया था। (५) दो मोती एक तो ६४ रत्ती भरका है पच्चीस हजार रुपये उसका मोल ठहरा और दूसरा १६ रतौ भरका बहुत चम- कोला और उज्वल है इसका मोल बारह हजार रुपये हुआ। (६) कुतुबुलमुल्कको भेटमेंसे एक होरा एक टांक भरका जो पचीस हजार रुपयेका आंका गया। (७) १५० हाथी जिनमें ३ के साजनो सांकलों तक सोनेके और के चांदौके थे। उनमेंसे २० हाथी लिये गये जिनमें ५ बहुत बड़े और विख्यात हैं। ... नूरवखत् कि जिसको शाहजहांने. पहिले दिन भेट किया था सवा लाखका आंका गया। बीजापुरपति।
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जहांगीरनामा।