पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/२८५

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संवत १६७४। २-तूसी शालका जामा जिसे मेरे पिताने शाही लिबासमें दाखिल किया था। '३-पट्टको कबा, जिसके गले और आस्तीनों में चिकनका काम हो। इसको भी मेरे पिताने अपने लिये रखा था। __४-हाशियेदार कबा, जिसके पल्लों गले और आस्तोनों में मह- रमात मा के कपड़ोंकी धज्जियां काट काटकर सौगई हों। . ५--गुजराती अतलसको कवा। .. -रेशमी चौरे और पंटके, जो चान्दी और सोनेके लखावतून से बने हों। सवारोंकी तनखाइ। महाबतखांके कुछ सवारोंका महीना दोअस्या और तित्रस्याके नियमसे दक्षिणमें चाकरी देनेके गस्ते बढ़ाया गया था। वह काम उसमे नहीं बना इसलिये बादशाहने दीवानोंको हुक्म दिया कि तनखाहको बढ़तौके वह रुपये महाबतको जागौरसे काटलिये जावें । . . . उत्सव और दीपमालिका। ___२६ (भादों बदौ १६) गुरुवार १४ शाबानको शबबरात थी। बादशाहने नूरजहां बेगमके एक सहलमें जो बड़े बड़े तालाबोंके बीचमें था नूरजहांकी सजाई एक बड़ी मजलिसके लिये अमीरों और मुसाहिबोंको बुलाया। हुक्म दिया कि जिसे जो नशा पसन्द हो उसे वही दिया जावे। बहुत लोगोंने शराबके म्यालोंकी प्रार्थना की। बादशाहने फरमाया कि जो प्याले पियें वह अपने मनसब और दरजेसे बैठ जावें और उनके आगे नाना प्रकार के कबाब और - तूस खुरासानके एक शहरका नाम है। प्रमहरमातक दो अर्थ हैं एक पून्य स्त्रियां दूसरे पूज्य स्थान मक्के मदीने आदिमें बरता हुआ कपड़ा। ...

  • गुरुबारको भादी बदौ १ चण्ड पञ्चाङ्गसे. हमने लिखी है।

बादशाही पञ्चाङ्गसे तो इस दिन साधन सुदी १५ थी। ।