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जहांगीरनामा।

मोमयाईके गुणकी बाबत बादशाह लिखता है कि जो बातें मैने हकीमोंसे सुनी थीं जब परीक्षा की गई तो कुछ भी प्रकट नहीं हुई मैं नहीं जानता कि हकीमोंने मोमयाईके विषयों अत्युक्ति की है या पुरानी होजानेसे वह गुणही नहीं रहा है।

मैंने हकीमोंके ठहराये हुए सिद्धान्तोंके अनुसार मुर्गेकी टांग तोड़कर उसको उनकी कही हुई मात्रासे अधिक मोमयाई खिलाई और टांग पर भी लगाई तथा तीन दिन तक रखवाली कराई। वह तो प्रातःकालसे सायंकाल तककाही समय बहुत बताते थे यहां तीन दिन पीछे देखा तो कुछ चिन्ह उस गुणका नजर नहीं आया टांग वैसीही टूटी हुई थी।

सलामुल्लह अरब।

शाह ईरानने सलामुल्लह अरबकी सुफारिश की थी बादशाहने उसी क्षण उसका मनसब और वेतन बढ़ा दिया।

अबदुल्लहखां।

अबदुल्लहखांके वास्ते बादशाहने एक खासा हाथी तलवार सहित भेजा और उसकी बिरादरीके बारह हजार सवारोंको दुअस्पे और तिअस्पेके जाबतेसे तनखाह देनेका हुक्म दिया।

सौम सालगिरह।

२७ उर्दीबहिश्त २६ रबीउलअव्वलं (जेठ बदी १२) गुरुवारको बादशाहकी सौम वर्षगांठका तुलादान उसकी माताके भवनमें हुआ। जिसमें से कुछ रुपये उन दीन स्त्रियोंको बांटे गये जो वहां जुड़ गई थीं।

मुरतिजाखांका मनसब छः हजारी जात और पांच हजार सवारका होगया।

चीते और सिंहके बच्चे।

अकबर बादशाहने एक हजार तक चीते पाले थे और बहुत चाहता था कि उनकी वंशवृद्धि हो परन्तु यह बात नहीं हुई। फिर कई बार उनके जोड़े भी पट्टे खोल खोलकर बागमें छोड़े तो वहां