कवितावली
श्रीगोस्वामी तुलसीदासकृत
कवितावली
(सटीक)
चम्पाराम मिश्र बी० ए०, एम० ए० एस० बी०
(दीवान, छन्नपुर स्टेट)
प्रकाशक
इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग
Printed by
A. Bose,
at The Indian Press, Ltd
Benares Branch.
पं॰ चम्पाराम मिश्र, बी॰ए॰
भाषा में हैं जिनका समझना कठिन हो जाता है। यह देखकर हमारा विचार हुआ कि प्रचलित बोल-चाल की भाषा में एक टीका लिखी जाय जो जनवा और विद्यार्थी दोनों के काम की हो। इस विचार से हमने सन् १६१५-१६ में एक टीका लिखी जो सन् १९६१७ में समाप्त हुई। सन् १६१८ में उसी के आधार पर हमने तुलसीदास के जीवनचरित्र से सम्बन्ध रखनेवाला एक लेख 'सरस्वती' में निकाला और सन् १६२५ में एक विस्तृत समालोचना लिखकर उसे भी 'सरस्वती' में प्रकाशित कराया। यही प्रस्तुत पुस्तक की भूमिका का आधार है। अनेक कारणों से, जिनका यहाँ पर उल्लेख करना व्यर्थ है, टीका के छपने में विलम्ब हुआ। इसी बीच कुछ और टीकाएँ प्रकाशित हो गई परन्तु वे विद्यार्थियों के ही काम की हैं। हम ऐसा संस्करण निकालना चाहते थे जो जनता और विद्यार्थी दोनों के काम का हो। इसलिए उसी की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। इस टीका में कथाएँ भी अधिक दी गई हैं और इसमें एक ऐसी अनुक्रमणिका लगाई गई है जिससे प्रत्येक छन्द का, आसानी से, पता लग सकता है। छन्दों के काण्डबद्ध अङ्क और सम्पूर्ण अङ्क् दोनों इस अनुक्रमणिका में दिये गये हैं। इस भूमिका में छात्रोपयोगी बातों के अतिरिक्त तुलसीदासजी की जीवनी पर भी नया प्रकाश डाला गया है और कवितावली में जितनी बातें उनकी जीवनी के सम्बन्ध में मिल सकी हैं उनकी आलोचना की गई है।
छत्रपुर—२५-१२-१६३३
महराज भवानीसिंहजू देव बहादूर
छतदपुर, बुन्देलखंड (सी० आई०)
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