पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/७१२

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६७२ सम्पूर्ण गांधी वाङमय वैध नहीं मानता, ११६; द्वारा अस्थायी अनुपस्थिति के बाद प्रान्त में पुनः प्रवेश की सुविधाका हनन, १०८; द्वारा अस्थायी समझौते की शर्तें लागू नहीं होतीं, ९५, १०८ : -द्वारा ऑरेंज फ्री स्टेटमें भारतीयोंके प्रवेशपर रोक ५४, १०५ - नेटाल भारतीयोंके अधि- वास अधिकारोंकी रक्षा नहीं करता, ९५, १०८; - पर फिशरका वक्तव्य, ६९; -पर हरकोर्ट- का बयान, १०३ - में अलेक्जेंडर का संशोधन, ७६ विनकॉल, ३३९ विभीषण, १४८, ५१० विवाह, २-३, ९, १४, ६३, ७७, ८१, २४७; - ईसाई पद्धतिके अतिरिक्त अन्य वैवाहिक पद्धतियोंको मान्यता न देनेका न्यायमूर्ति सलका निश्चय, १, ६२, २१८; और कुलसम बोबी, २१८, २२२; - और संघ प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम (१९१३), १९४९ का तरीका, ४०९; का प्रश्न, २२१; -कानून अस्पष्ट, ३८१; -कानूनका ब्रिटिश भारतीय संघ विरोध करता है, ३; -कानूनके विरुद्ध भारतीयों को लड़ने के लिए कहा गया, २३५-३६; की समस्या के बारेमें विचार, ३३४; के बारेमें एक महत्त्वपूर्ण फैसला, १७२; को कानूनी मान्यता देनेकी माँग, ७५, ८०, ११७, १३५, १६७, २०९, २२३, २४६, ३२२, ३४०, ४१६, ४२५; - ट्रान्सवाल प्रवासी कानूनके संशोधन द्वारा, ५२; - पर भारतीय परिवेदना आयोगकी रिपोर्ट, ३९०९ - बहुपत्नीक, ८०, १७६, १९२, १९४, २०९, २२२, २३२; -भारतीय विवाहको सर- कार द्वारा मंजूर करनेसे इनकार, २६ पा० टि०, ७५, २२१; -विवाह समस्या, २१८; -विषयक अलेक्जेंडरका संशोधन, ७६; -विषयक मारिशसका कानून, ४४३; संघ प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयक द्वारा, २०, २५, २९, ५४, ८३, १०४; -संशोधन अस्वीकृत, ८६, ८७, ९६, ९८६ - सरकारी गज़टमें घोषणा कि भारतीयोंके लिए विवाह ज्ञापन आवश्यक ३९४, ३९५; -१८७१ के ट्रान्सवाल विवाह कानूनके समान कानूनकी माँग, ८३, ८४, ८७ विश्व-युद्ध, प्रथम, ५१४ पा० टि०३ में गांधीजी द्वारा अपनी सेवाएँ अर्पित, ५१८ विसर, डॉ०; की जेलमें निष्क्रिय प्रतिरोधियों के प्रति रुक्षता, २३१ वूडहाउस, रेवरेंड, १६३ वेबर, १६३ वेरुलम, ४५६; - में गांधीजीको विदाई, ४५८-६१ वेसेल्स, न्यायमूर्ति, २५, ८१, २२०, २२२ वेस्ट, ए० एच०, २४३, २५८, ३७७, ४५७, ४६०, ५०३, ५४१, ५४७, ५५२, ५५६, ५५७ वेस्ट, कुमारी (देवी), २६२ वेंकट रमण, ५२८ वैलेस, १४० वॉगल, श्रीमती, ४८० व्रत का महत्त्व, २३० का महात्म्य, २३० व्यास, ५१० शंकराचार्य, ३६८ शंकरानन्द, स्वामी, ६८ शकूर, तैथन, २४३ श शान्ति, २१४, २६५, ५५१, ५५२ शास्त्री, २९९ पा० टि० शिक्षा; दक्षिण आफ्रिकामें भारतीय भाषाओंकी उपेक्षा, ३६५ शिक्षित भारतीय, ७, २०७, ४१६ शिव, १५९, ५१० शिवपूजन, ५५१; की गिरफतारी, १८४ शिवप्रसाद, २६२ शेषनाग, १४९ श्रद्धानन्द, स्वामी, ३९१ पा० टि० श्रवण, ४१५ श्राइनर, ऑलिव, ८३, ४९६, ५५४ पा० दि० श्रइनर, डब्ल्यू० पी०, ८३, ८५, ८६, १०१, १०९, ३७६, ४९७; -का संघ प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयक (१९१३) के विरुद्ध संघर्ष जारी, २०४९ को भारतीय परिवेदना आयोगमें शामिल करनेकी माँग, २७०, ३२० श्राइनर, थियो, ५२, ८० श्लेसिन, सौंजा, ६२ पा० टि०, ९०, ११०, १४८, २२९, २५८, २६३, ३५६, ३७८, ४२०, ४५३ पा० टि०, ४६५, ४७७ पा० टि०, ४८५